टिहरी गढ़वाल

नागेस्वर सौड़ में तीन दिवसीय बसंत पंचमी मेले का समापन, मंगलेश डंगवाल और सौरभ मैठाणी के गीतों ने लगाये चार चांद।

भिलंगना  टिहरी

स्लग- नागेस्वर सौड़ में तीन दिवसीय बसंत पंचमी मेले का समापन, मंगलेश डंगवाल और सौरभ मैठाणी के गीतों ने लगाये चार चांद।

टिहरी जनपद के भिलंगना ब्लॉक के आरगड, गोनगढ़ के केंद्र बिंदु  नागेश्वर सौड़ में  आयोजित  बसंत पंचमी मेले का रंगारंग कार्यक्रमों के साथ समापन हो गया।  कार्यक्रम के समापन अवसर पर ब्लॉक प्रमुख बसुमती घणाता ने शिरकत की जिनका पूर्व ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्य नीलम बिष्ट द्वारा फूलमालाओं के साथ  स्वागत किया। 

बतौर मुख्य अतिथि रही ब्लॉक प्रमुख बसुमती घणाता ने कहा कि मेले और त्यौहार हमारी विरासत है जिन्हें जिंदा रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्षों से बसंत पंचमी के अवसर पर मेले का आयोजन स्थानीय लोगो द्वारा किया जा रहा है। जो कि बसंत ऋतु के आगमन पर लोगों में खुशहाली व उत्साह भरने का काम करता है। उन्होंने मेले को और अधिक प्रभावी व विस्तार देने की मेला समिति से अपील की। ब्लाक प्रमुख का स्वागत करते हुए जिला पंचायत सदस्य नीलम बिष्ट ने कहा कि मेले हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओ  का अटूट हिस्सा है।जिन्हें जीवित रखने के साथ ही उनका संरक्षण व संवर्धन किया जाना आवश्यक है।

वहीं मेला समिति अध्यक्ष आनंद बिष्ट ने बताया कि 1986 में भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्री ब्रह्म दत्त द्वारा मेले का शुभारंभ किया गया जो तब से लेकर आज तक हर वर्ष बसंत पंचमी के अवसर पर नागेश्वर सौड़ में भव्या मेले का आयोजन किया जाता है, वहीं उन्होंने सरकार से इस मेले को राजकिय मेला घोषित करने की भी मांग की।

 विधायक प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे बीजेपी नेता रामकुमार कठैत ने कहा कि 48 वर्षों से जारी इस मेले की घनसाली क्षेत्र में एक अलग पहचान है जबकि इस मेले में हर वर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, वहीं विधायक प्रतिनिधि के तौर पर रामकुमार कठैत ने मेला प्रांगण के लिए 3 तीन लाख की घोषणा की जबकि ब्लॉक प्रमुख बसुमती घणाता ने 2 लाख की घोषणा के साथ साथ मेला समिति को हर संभव मदद करने का भरोसा जताया। 

इस अवसर पर स्थानीय व बाहरी दुकानदारो द्वारा मेले में दुकानें सजाई गई,जंहा पर महिलाओ व बच्चो ने जमकर ख़रीददारी की। कार्यक्रम में समापन के अवसर पर वैदिक जागर सम्राट मंगलेश डंगवाल, सौरभ मैठाणी, विजय पंत, अनीशा रांगण के गीतों ने चार चांद लगाए।

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