एक्सक्लूसिव खबरेंटिहरी गढ़वाल

महिलाओं के लिए मिसाल बनी सुनीता सजवाण।एन.आर.एल.एम. से जुड़कर तहसील गजा की सुनीता सजवाण बनी आत्मनिर्भर।

महिलाओं के लिए मिसाल बनी सुनीता सजवाण।एन.आर.एल.एम. से जुड़कर तहसील गजा की सुनीता सजवाण बनी आत्मनिर्भर।

सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाएं जनपद टिहरी  क्षेत्रांगत जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के मार्गदर्शन में साकार रूप ले रही है। ग्रामीण महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। वे योजनाओं का लाभ लेकर न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि अन्य के लिए भी मिसाल पेश कर रही है।

इसी क्रम में विकासखंड चंबा से करीब 30 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत भाली की सुनीता सजवाण अपने पति यशपाल सजवान के साथ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही है। वर्ष 2019 से राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़कर ग्रामीण महिलाओं ने ‘मातृशक्ति स्वयं सहायता समूह–भाली’ का गठन किया। जहां समूह की अध्यक्ष बनी सुनीता सजवाण ने कई ग्रामीण महिलाओं को समूह के माध्यम से कम ब्याज में ऋण दिलाकर व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया है, वहीं सुनीता खुद अपने पति यशपाल सजवाण के साथ मिलकर गांव से करीब 10 किलोमीटर दूर गजा मार्केट में दूध डेयरी का संचालन कर रही है। साथ ही मार्केट में चाय, पकोड़ी, समोसे, जलेबी खाद्य उत्पादों के साथ अपनी आजीविका को मजबूत कर रही है।

सुनीता सजवाण ने बताया कि जब से वह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े हैं तब से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। सुनीता ने बताया कि दूध डेयरी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए उनको स्टोरेज की समस्या से जूझना पड़ रहा था। तभी ग्रामीण आजीविका मिशन से उन्हें ₹55000 की धनराशि की मदद मिली। जिससे उन्होंने 250 लीटर क्षमता का डिप फ्रीजर खरीदा और उन्हें स्टोरेज की समस्या से उन्हें निजात मिली। साथ ही  प्रतिमाह 15000 रुपए की बचत कर आर्थिक रूप से मजबूती मिली है।

सुनीता ने बताया कि पहले वह अपने घर का ही काम करती थी, लेकिन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर उन्होंने स्वयं सहायता समूह बनाया, जिससे कई महिलाएं अपना रोजगार स्वयं स्थापित कर रही है। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार और धामी सरकार की तमाम योजनाएं महिलाओं को आगे बढ़ा रही है साथ ही मातृशक्ति को मजबूत कर रही है। जो ग्रामीण महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल पाती थी उनके लिए इस तरह के समूह और योजनाएं काफी फायदेमंद है।

सुनीता के पति यशपाल सजवाण ने बताया कि दूध का काम वह पहले से करते आ रहे थे लेकिन धामी सरकार की योजनाओं ने काफी फायदा पहुंचाया है। समूह के माध्यम से डिप फ्रिज मिलने से, वह ग्रामीणों के द्वारा एकत्रित दूध का संग्रहण कर सकते हैं, जिससे ग्रामीण महिलाओं को भी फायदा हो रहा है।

सुनीता सजवाण ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उन्होंने 2019 में गजा क्षेत्र में एक सिलाई प्रशिक्षण भी लिया था। वह कोरोना काल से पहले अपना रोजगार चल रही थी, साथ ही अन्य महिलाओं को भी अपने इस व्यवसाय से जोड़ रही थी। लेकिन आंखों में दिक्कत आने के कारण उन्होंने सिलाई के काम को छोड़कर अपने पति के साथ डेयरी के व्यवसाय में हाथ बढ़ाया, जिससे दोनों पति-पत्नी अच्छी आय वर्जित करने में सफल हो रहे है ।

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