सावन के पहले सोमबार को शिवालयों पर शिव भक्तो का ब्रहममूर्त से लगा रहा तान्ता।
सावन के पहले सोमबार को शिवालयों पर शिव भक्तो का ब्रहममूर्त से लगा रहा तान्ता।
रीपोर्ट – पृथ्वी दत्त नैथानी उत्तरकाशी
एंकर- उत्तरकाशी में भगवान भोले नाथ की नगरी में सावन के प्रथम सोमवार को ब्रहममूर्त से ही शिव भक्तों की लम्बी कतार लगी हुई है। काशी आज पूरी तरह से शिवमय हो चुकी है।
भक्तों द्वारा अपने पात्रों में गंगाजल, बेलपत्र, दूध, फल फूल आदि लिये हुए हैं और साथ ही साथ ओम नम: शिवाय का जाप करते हुए अपनी बारी का इन्तजार कर रहे है वहीं व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिये गंगोत्री फिज़िकल अकादमी एवं पुलिस प्रशासन अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं, यूँ तो सावन के महीने में भोले नाथ के बहुत दृष्टान्त है लेकिन कहा जाता है की इसी सावन महीने में समुद्र मंथन हुआ था जिसमे हलाहल विष भी निकला था जो शंकर भगवान ने पी लिया था और उस जहर को अपने ही कण्ठ में समा लिया,जिससे गला नीला पड़ गया और नीलकण्ठ नाम हुआ तो सभी देवताओं ने इस विष को शांत करने के लिये शंकर भगवान का पवित्र जल से गंगाजल और दूध से अभिषेक किया गया और विष धीरे-धीरे शांत होने लगा,यही कारण है कि भोले नाथ का सबसे प्रिय महीना सावन का महीना है इसी महीने में भोले नाथ की अपने श्रदालुओ और भक्तो पर विशेष कृपा रहती है और मनोवान्छीत फल प्राप्त होता है ।