सिद्ध पीठ मां दुध्याडी मंदिर प्रांगण में एक साथ श्रीमद् देवी भागवत व राम कथा का किया जा रहा है भव्य आयोजन ।
सिद्ध पीठ में दुध्याडी माता के मंदिर प्रांगण में 46 वर्षों से प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रों में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है
सिद्ध पीठ मां दुध्याडी मंदिर प्रांगण में एक साथ श्रीमद् देवी भागवत व राम कथा का किया जा रहा है भव्य आयोजन ।
रिपोर्टर केशव रावत प्रतापनगर टिहरी
जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड भिलंगना के गोनगढ़ पट्टी के ग्राम पंचायत पोंनाडा स्थित सिद्ध पीठ में दुध्याडी माता के मंदिर प्रांगण में 46 वर्षों से प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रों में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रों में श्रीमद् देवी भागवत कथा, राम कथा आदि कथाएं होती हैं लगातार प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रि में यहां पर कथाओं का आयोजन होता चला आ रहा है जिसमें आज पहली बार आचार्य भागवत प्रसाद भट्ट जी के मुखारविंद से श्रीमद् देवी भागवत कथा व हिमालय पुत्री साध्वी लक्ष्मी बहन जी के मुखारविंद से राम कथा का एक साथ एक मंच से गोनगड़ पट्टी के लोग श्रवण करते आ रहे हैं ।
स्थानीय लोगों के अनुसार मां भगवती के मंदिर में पहले बलि प्रथा हुआ करती थी जिसमें बकरी और बेले काटे जाते थे जिस पर गोनगढ़ पट्टी के लोगों ने आम सहमति बनाते हुए इस परंपरा को खत्म करने का निर्णय लिया और मां भगवती के आदेश पर मां भगवती को अवतरित कर उनके सामने यह प्रस्ताव रखा और उनकी आज्ञा के अनुसार 1977 से अब इस सिद्ध पीठ मां दुध्याड़ी के मंदिर में बलि प्रथा का समापन किया गया और तब से लेकर आज तक चैत्र नवरात्र में प्रतिवर्ष यहां पर देवी भागवत कथा भागवत कथा राम कथा शिव महापुराण आदि कथाओं का नितांत आयोजन किया जा रहा है जिसमें समस्त गोनगढ़ पट्टी के लोग अपना सहयोग स्वयंसेवक के रूप में करते हैं और बड़ी आस्था के साथ बड़े विश्वास के साथ माता रानी के मंदिर में नौ दिनों तक लगातार अपनी सेवाएं विभिन्न प्रकार से देते हैं और इस कार्यक्रम को सफल बनाते हैं पिछले 46 वर्षों से प्रतिवर्ष मां के मंदिर में कथाओं का सफल आयोजन होता आ रहा है ।
मां दुध्याडी का महाकुंभ जो प्रति 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है उसका भी संपूर्ण गोनगढ़ पट्टी संपूर्ण क्षेत्रवासी माता रानी के महाकुम्भ में भरपूर सहयोग रहता है आस्था रहती है विश्वास रहता है माँ के महाकुंभ में दूर-दूर से बल्कि लोग देश और विदेशों से भी आते हैं माता के दर्शन करते हैं और मन इच्छा वरदान माँ से पाते है।
इस भब्य व दिब्य कार्यक्रम में मन्दिर सेवा समिति के अध्यक्ष भादू सिंह असवाल, उपाध्यक्ष कमल सिंह रावत, सचिव पूरण सिंह नेगी, कोषाध्यक्ष कमल सिंह पंवार, लेखा समिति विरेन्द्र सिंह राणा, देवी लाल, भजन सिंह राणा, गौत्तम सिंह राणा, एवं सदस्य झिमल सिंह रावत, चन्दन सिंह वसन्वाल, डब्बल सिंह वसन्वाल,ज्ञान सिंह नेगी औतारिया नत्थे सिंह राणा, अब्बल सिंह राणा और कमला राम जोशी ,विजय सिंह राणा, दर्वा देवी राणा, सुलोचना देवी राणा, रुकमणी देवी राणा,पूरब सिंह रावत प्रधान गोना बचन सिंह रावत किशोरी लाल,सुफल दास,भगवान दास,बचन सिंह वसन्वाल कान्ते सिंह पंवार,आदि स्वयंसेवकों का विशेष योगदान है ।