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चैनलिंक घेरबाड़ योजना से जनपद टिहरी के कई गांव हो रहे हैं आबाद।

चैनलिंक घेरबाड़ योजना से जनपद टिहरी के कई गांव हो रहे हैं आबाद।

 दो गांवों के 31 परिवार हुए घेरबाड़ योजना से लाभान्वित।

किसानों का मनोबल बढ़ाया घेरबाड़ योजना से

आज मिलेट्स आधारित अनाज की देश-दुनिया में बहुत मांग है। इसी के मध्येनजर राज्य सरकार मोटे अनाज को बढ़ावा दे रही है और जब तक फसलों को जंगली-जानवरों से नहीं बचाया जाता है तब तक मोटे अनाज क्या किसी भी अनाज की कल्पना नहीं की जा सकती। जिला प्रशासन टिहरी गढ़वाल द्वारा राज्य सरकार की मंशा को पूरा करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित के मार्गदर्शन में कृषि विभाग द्वारा चैनलिंक घेरबाड़ योजना चलाई जा रही है। योजना का उद्देश्य किसानों की फसलों को आवारा एवं जंगली जानवरों के द्वारा किये जा रहे नुकसान से बचाना है। चैनलिंग घेरबाड़ करने से बेहतर कृषि, औद्यानिकी उत्पादन होने के साथ ही ग्रामीणों का गांव से पलायन भी कम हो रहा है।
जनपद टिहरी गढ़वाल क्षेत्रान्तर्गत विकासखंड जौनपुर के उनियाल गांव एवं हबेली गांव में गत वर्ष 2024-25 मंे जिला योजना के अन्तर्गत 03-03 लाख रूपये की लागत से 122-122 चैनलिंक घेरबाड़ की गई। इससे उनियाल गांव के 18 परिवार और हबेली गांव के 13 परिवारों को योजना का लाभ मिला। उनियाल गांव और हबेली गांव के ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चैनलिंक घेरबाड योजना से हम जैसे कई काश्तकारों को अपनी बंजर हो रही भूमि को आबाद करने का मौका मिल रहा है।
 चैनलिंक घेरबाड़ योजना से लाभान्वित उनियाल गाँव की वन्दना उनियाल ने बताया कि गांव की भूमि बहुत ऊपजाऊ है, लेकिन जंगली जानवरों के आंतक के कारण फसलों को नुकसान होने से किसानों का मनोबल कम होता जा रहा था। ग्रामीणों ने कृषि विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर खेतीबाड़ी से जुड़े रहने तथा फसलों को जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान से अवगत कराया। इसके पश्चात कृषि विभाग के अधिकारियों ने गांव में सर्वे कराकर चैनलिंक घेरबाड़ योजना के तहत घेरबाड़ करवाई गई। प्रधान प्रशासक ग्राम हवेली सुषमा देवी ने बताया कि गांव में घेरबाड़ होने से जंगली जानवरों का आतंक खत्म हो गया है। अब बंजर खेत भी आबाद हो रहे हैं तथा कृषि से बेहतर आय प्राप्त हो रही है।
मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराडी ने बताया कि जिला योजना के तहत चैनलिंक घेरबाड़ योजना हेतु आंवटित धनराशि से ग्राम वासियों को काफी लाभ पहुंच है। इससे उनकी फसलें जंगली जानवरों से सुरक्षित हुई हैं तथा ग्रामीण हाई वैल्यू क्रॉप्स (उच्च मूल्यों की फसलों) के प्रति अग्रसर हो रहे हैं। उन्होंने बताया चैनलिंक घेरबाड़ योजना की मांग अधिक हो रही है। मांग को देखते हुए जिला योजना मद में भी योजना प्रस्तावित की गई है, धनराशि उपलब्ध होने पर क्रियान्वयन किया जाएगा।

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